
"दर्द तो वो होता जो आप किसीको बता नापाए "
"दर्द तो वो होता हे जब आप( मा )कि आखोमे अाँसु देख्ते हो "
"दर्द तो वो होता हे जब (बाप ) सुभा से साम तक आपके लिए मर मिट्ता हो "
"दर्द तो वो होता हे जो हर दिन आप जीते जीते , मर रहे होते हे "
"दर्द तो वो होता हे आप जीतकर भी हार जाते हे "
"दर्द वो हो ता जब आपके आखो के सामने आपके सपने जल जाते हे "
"बस आप बेबस , लाचार देख्ते रहे जाते हे "
"दर्द तो हो होता हे साहेब जब आप सास लते हे, अन्दर घुटन सी महेसुस होती हे "
दर्द वो होता हे जब आँप कीसीको कुच कहेना चाहाते हे मगर अफसोस कहे नही पाते हे !
बात दीलमे रहे जाती हे , साहेब घुट्ट्न सी होती हे , बस ईउहीँ कहेना चाहाते हे , दुर सहरद पार कीसीको सुनाहा चाहेते हे
आज बस कहेना लाजमी था , तो रुबरु होगए [रायन]
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