Popular Categories

बुरा तब लग्ता हे जब अपनोमे खामीया होजाती हे
दर्द तब लग्ता हे जब रीस्ता पराया होजाता हे ।
कहेते जो आज तुमारा हे , कल कीशी औरका होजाएगा फीरभी कीउ लोग हरपल मसकत्त मर मीट्ते हे ।
खामोसीया तब होती हे जब लोग दुर तक तक्लिफ़ काट्नेमे मजबुर होजाते हे ।
अन्जान तब लग्ताह हे जब सहेरेमे सन्न्नाटा होजाता हे ।
डर तब लग्ता हे , जब मोत तड्पाती हे ।
कहेते हे ना हम ना तुम , कोही कीसीको कुच नही देने वाला फीरेभी लोग कीउ तक्दीरको दोशी मान्ते हे
You will also like

दर्द
- 1
- 1261

काश ~ बता पाता
- 1
- 1115

My Happiest Hour
- 6
- 1082

"मलाई पोल्छ"
- 1
- 975

"मानव बेचविखान र रोकथाम"
- 2
- 934

A Final Plead!
- 0
- 924
Leave a Comment: