"लग्ता हे "

बुरा तब लग्ता हे जब अपनोमे खामीया होजाती हे
दर्द तब लग्ता हे जब रीस्ता पराया होजाता हे ।

कहेते जो आज तुमारा हे , कल कीशी औरका होजाएगा फीरभी कीउ लोग हरपल मसकत्त मर मीट्ते हे ।

खामोसीया तब होती हे जब लोग दुर तक तक्लिफ़ काट्नेमे मजबुर होजाते हे ।
अन्जान तब लग्ताह हे जब सहेरेमे सन्न्नाटा होजाता हे ।
डर तब लग्ता हे , जब मोत तड्पाती हे ।

कहेते हे ना हम ना तुम , कोही कीसीको कुच नही देने वाला फीरेभी लोग कीउ तक्दीरको दोशी मान्ते हे ✌



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