
प्यार हमारा सच्चा था , प्यार करनेवाला भी सच्चा था मगर अफसोच , हमारी तक्दीर मे तु नही थी , रबकी चाहा थी काश तुझे बता पाता ।
खुदा कसम ! सरहद पार कही दुर जानेको दील कर्ता हे , जहाँ सिर्फ मै हु ।
कमीया ना तुझमे थी ना मुझ्मे , कमीया तो बस युही बात कर्नेवालो कि बातो मे थी मगर अफसोच काश तुझे बता पाता ।
खुदा कसम ! सरहद पार कही दुर जानेको दील कर्ता हे , जहाँ सिर्फ मै हु ।
बुरा मत मान्ना कभी कबार तुमको Facebook पे अपना पेगाम भेज देते हे , जीस दीन दीलको साहा नही जाता सीरीफ उशी साम पेगाम भेजा करते हे ,काश तुझे बता पाता ।
खुदा कसम ! सरहद पार कही दुर जानेको दील कर्ता हे , जहाँ सिर्फ मै हु ।
मानाकी हम तुमहारे लीए कुच नहीथे सिर्फ मीट्टीकी धुल थे मगर मीट्टीमे जीनेवाले लोग , मीट्टी नही होते , कास तुझे बता पाता !
खुदा कसम ! सरहद पार कही दुर जानेको दील कर्ता हे , जहाँ सिर्फ मै हु ।
जीनेके लीए लोग प्यार पूरा ना होने पर दुसरा प्यार ढुढीलेते हे मगर अफसोच तेरे सीवा हमको और कोई पसन्दही नही आते , कास तुझे बता पाता !
खुदा कसम ! सरहद पार कही दुर जानेको दील कर्ता हे , जहाँ सिर्फ मै हु ।
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